Diwali 2023 – Festival of Lights and Joy

दिवाली भारत में मनाया जाने वाला हिन्दुओ का प्रमुख त्यौहार है। दिवाली को लोग दीपावली के नाम से भी जानते है । यह प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। दिवाली को लोग बड़े हर्ष और उल्लाश के साथ मानते है। इस दिन लोग नए – नए कपडे पहनते है । दिवाली को मनाने के लिए लोग महीनों पहले से ही अपने घरो की पुताई करवाते है। घरो को सुसज्जित करवाते है। लाइट और दीपक से घरो को जगमग करते है। इस वर्ष Diwali 2023 date in india calendar में दशहरा के ठीक 20 दिन बाद 12 November दिन रविवार को है। इसके पोस्ट माध्यम से हम जानेंगे कि दिवाली कब , क्यों और कैसे मानते है।

Diwali 2023 में कब है ?

👉 Diwali 2023 में 12 November दिन रविवार को है।

Diwali कैसे मानते है

Diwali खुशियों का त्यौहार है। दीपावली कार्तिक मांस की अमावस्या को होती है। इस अमावस्या को बड़ी अमावस्या माना जाता। Diwali के दिन घी या मोमबत्ती के दीपक जलाये जाते है। शाम के समय अपने कुल देवी देवताओं की पूजा की जाती है। बच्चे लोग पटाखे और छुरछुरिया छुड़ाते है। बच्चे छोटा सा मंदिर भी बनाते हैं उसको सजाते हैं । हम अपने घर की साफ सफाई करते हैं उसकी सजावट करते हैं । दीपावली पर हम मिठाइयां और चूरा मेले से लाते। हम एक दूसरे (दोस्तों ,पड़ोसियों ) से मिलने जाते हैं मिठाइयां देते हैं। दीपावली के दिन पकवान कचौड़ी सब कुछ अपने घर पर बनाते हैं बच्चो को दिवाली के दिन बहुत मजा आता है बहुत खुश होते हैं और हम इस दिन गणेश लक्ष्मी की पूजा भी करते हैं उनका आशीर्वाद लेते हैं। हमारी मान्यताओं के अनुसार दिवाली “अन्धकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है “। इसे “दीपों का त्योहार” भी कहा जाता है।

दीपावली क्यों मनाया जाता है ?

✅ राजा दसरथ ने अपने सबसे बड़े पुत्र श्री राम को कैकेयी के कहने पर चौदह वर्षों का वनवास दिया था । राम ने 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। इस अवसर पर पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा रही थी। लोग घी के दीपक से भगवान् श्री राम और उनकी पानी माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण का स्वागत किये थे और बड़ी धूम धाम से पटके फोड़े गए थे लोग मिठायां खाकर खुशियाँ मनाये थे तब से पूरे भारत वर्ष में इसे एक त्यौहार के रूप में मानते है।
✅ कुछ लोग मानते हैं कि दीपावली को रावण (जो एक राक्षस राजा था ) के वध का जश्न मनाने के लिए दिवाली को मानते है ।
अन्धकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक : दीपावली को अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन लोग अपने घरों और मंदिरों में दीपक जलाते हैं, जो प्रकाश और आशा का प्रतीक हैं।

अन्न की फसल का जश्न : कुछ लोग मानते हैं कि दीपावली को अन्न की फसल के लिए धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है

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