इस साल Karwa Chauth 2024 में 20 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को मनाया जायेगा। यदि आप करवा चौथ के बारे में और अधिक जानना चाहते है तो पोस्ट को एंड तक पढ़िए इस पोस्ट के माध्यम से आप जान सकेंगे कि “करवा चौथ क्या है ?, करवा चौथ कब है,करवा चौथ की कहानी,करवा चौथ की रात को पति-पत्नी क्या करते हैं ,करवा चौथ स्टेटस,करवा चौथ की कथा,करवा चौथ मेहंदी डिजाइन फोटो,करवा चौथ व्रत कथा एवं आरती,करवा चौथ पूजन विधि सामग्री,करवा चौथ क्यों मनाया जाता है,करवा चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा ” सब कुछ।
” Karwa Chauth का व्रत ” भारत के अन्य त्योहारों की भांति करवा चौथ भी प्रमुख त्योहारों में से एक है। जैसे दीपावली , होली , रक्षाबंधन को बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं ठीक इसी तरह करवा चौथ को सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर बहुत खुशी से इस त्योहार को मानती है ।
जिस तरह बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन लेती हैं, वहीं भाई भी अपनी बहनों की रक्षा और सम्मान का वादा करते हैं। उसी तरह Karwa Chauth का व्रत रखकर महिलाएं अपने अपने पति की लम्बी उम्र और वैवाहिक जीवन में खुसी हो ऐसा भगवान् से कामना करती है।
Karwa Chauth के त्यौहार के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखकर करवा चौथ को मनाती हैं। यह त्यौहार पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। करवा चौथ के त्यौहार का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। ये त्यौहार हमें पति-पत्नी के बीच अटूट बंधन की याद दिलाते हैं।
Karwa Chauth 2024 में कब है
करवा चौथ के दिन का सुहागिन महिलाओं को बड़ी में बेसब्री से इंतजार रहता है। ऐसे में सुहागिन महिलाएं यह जानना चाहती है कि Karwa Chauth कब है , करवा चौथ का व्रत किस दिन है , करवा चौथ का शुभ मुहूर्त कब है , और करवा चौथ को कैसे मनाएं।
इस लेख के माध्यम से हम उन सभी पाठकों को बताना चाहते हैं कि Karwa Chauth 2024 में हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि “ 20 अक्टूबर 2024 दिन रविवार “ को मनाया जाएगा।
Karwa Chauth 2024 समय मुहूर्त
करवा चौथ का व्रत रखने से पहले उन सभी सुहागिन महिलाओं को यह जानना जरूरी है कि करवा चौथ का व्रत किस दिन , कितने बजे से शुरू होगा करवा चौथ के व्रत का शुभ मुहूर्त कब से शुरू है।
2024 में करवा चौथ 20 अक्टूबर को सुबह 6:46 AM से शुरू होकर अगले दिन यानी की 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 AM पर समाप्त होगी।
करवा चौथ 2024 में पूजा का शुभ समय : 2024 में करवा चौथ के पूजन का शुभ समय 20 अक्टूबर को शाम 5 :46 PM से लेकर 07 : 57 PM तक है वहीं चंद्रोदय का अनुमानित समय रात 8 बजकर 14 मिनट पर हो सकता है।
करवा चौथ के लिए जरुरी सामान
Karwa Chauth के व्रत की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जिसकी जरुरत सुहागिन महिलाओं पड़ती है। सारा दिन निर्जला व्रत रहने के बाद रात में चाँद को अर्घ देकर पति की लाबी उम्र की कामना की जाती और पूजा पाठ करने के बाद यह व्रत पूर्ण होता है।
करवाचौथ के व्रत मे पूजा पाठ करने और अन्न ग्रहण करने में बहुत सामग्री की जरुरत पड़ती है ज्यादातर महिलायें कुछ सामग्री भूल भी जाती है इसीलिए हम यहाँ पे हम करवा चौथ व्रत की सामग्री को बता रहे है।
करवाचौथ पूजा की सामग्री
- मिटटी का करवा ,ढक्कन
- पीतल का करवा
- चलनी
- मिटटी की गौरी
- थाली
- हल्दी
- कपूर
- रुई
- दीपक
- घी
- शक्कर
- मीठा
- कुमकुम ,हल्दी
- अक्षत -चावल
- फल
- पानी
- खाना / पकवान
- आठ पूरियों की अठावरी ,हलवा
- सुहागिन का सामान – कंघा ,सिन्दूर,रंग माहवार ,बिंदी , चूड़ी ,बिछुवा ,चुनरी ,मेंहदी
- फूल माला ,दूध,शहद ,अगरबत्ती
नव विवाहित महिलाएं पहला Karwa Chauth कैसे मनाये
नव विवाहित महिला को पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने से पहले जानना चाहिए क्या है नियम ,करवा चौथ के व्रत से पहले क्या तैयारी करना जरुरी होता है ?
- सरगी: अपनी सास या ननद से सरगी लें।
- पूजा सामग्री: करवा चौथ की पूजा सामग्री खरीदें, जिसमें मिट्टी का करवा, चंद्रमा की मूर्ति, दीपक, अगरबत्ती, रोली, चावल, फल, मिठाई, मेहंदी, सिंदूर और वस्त्र शामिल हैं।
- श्रृंगार: 16 श्रृंगार करें, जिसमें मेहंदी, सिंदूर, बिंदी, कंगन, हार, कमरबंद, पायल, मांग टीका, काजल, आइलाइनर, लिपस्टिक, नेलपेंट, इत्र, और सुंदर वस्त्र शामिल हैं।
- व्रत: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सरगी ग्रहण करें। दिन भर निर्जला व्रत रखें।
पूजा :
- संध्या पूजा: शाम को स्नान करके सूर्यास्त के बाद करवा चौथ की पूजा करें।
- कथा: करवा चौथ की कथा सुनें।
- चंद्र दर्शन: चंद्रमा को अर्घ्य दें और छलनी से चंद्रमा और अपने पति को देखें।
- व्रत खोलना: पति के हाथों से पानी पीकर और मिठाई ग्रहण करके व्रत खोलें।
नव विवाहित महिलाओं के लिए विशेष बातें :
- सास का आशीर्वाद: अपनी सास से आशीर्वाद लें और उनसे करवा चौथ की रस्में सिखें।
- पति का साथ: पूजा और व्रत खोलने के समय पति के साथ रहें।
- पहला करवा चौथ यादगार: अपने पहले करवा चौथ को यादगार बनाने के लिए तस्वीरें और वीडियो लें।
Karwa Chauth की कुछ महत्वपूर्ण बातें
- गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बीमार महिलाओं को व्रत नहीं रखना चाहिए।
- करवा चौथ व्रत धार्मिक मान्यताओं के आधार पर मनाया जाता है।
- व्रत के दौरान पानी, भोजन, और अन्य तरल पदार्थों का सेवन न करें।
- व्रत रखना या न रखना व्यक्तिगत स्वतंत्रता है।
- किसी भी महिला को व्रत रखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
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Karva Chauth Ki Kahani – करवा चौथ व्रत की कथा (1)
एक ब्राह्मण परिवार में सात बहुएँ थीं। छः बहुओं के मायके वाले बहुत अमीर थे। इसी कारण ससुराल में उनका बड़ा मान था परन्तु छोटी के मायके में कोई न था। वह घर का सारा काम-काज करती, सबकी सेवा करती, पर कोई भी उससे प्यार नहीं करता, सभी दुत्कारते रहते।
तीज-त्यौहारों पर भी जब उसके मायके से कोई न आता तो वह बहुत दुःखी होती। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी करवा चौथ का व्रत आया। अन्य बहुओं के मायको से उनके छोटे भाई करवा लेकर आए। पर छोटी के मायके में यदि कोई होता तो करवा भी लाता। सास भी छोटी को ही खरी-खोटी सुना रही थी। वह दुःखी हो घर से निकल पड़ी और जंगल में जाकर रोने लगी।
एक नाग बहुत देर से उसका रोना सुनता रहा। अन्त में वह अपने बिल से निकल आया और छोटी बहू से पूछने लगा “बेटी क्या बात है? तुम से क्यों रही हो? छोटी बहू बोली- “आज करवा चौथ है मेरा कोई भाई नहीं है।
यदि मेरा कोई भाई होता तो आज जरूर करवा लेकर आता। नाग को छोटी बहू पर दया आई। नाग ने कहा “बेटी तुम घर पर चली में अभी करवा लेकर आता हूँ। थोड़ी देर बाद नाग ससुराल पहुंचा। ससुराल वाले इतना सामान देखकर चकित हो गए। सास भी प्रसन्न हो गई। सास ने प्रसन्न मन से छोटी बहू को नाग देवता के साथ भेज दिया।
नाग देवता ने छोटी बहू को अपना महल दिखाया और कहा “जितने दिन चाहो आराम से रहो। मन चाहा खाओ मन चाहा पहनों पर एक बात याद रखना सामने रखी नाँद कभी मत खोलना।” छोटी बहू सारा समय महल में आराय से काटती पर नाँद के बारे में उसकी उत्सुकता बढ़ती जाती।
एक दिन जब घर में कोई न था
, उसने नाँद को उठाकर देखा तो हजारों छोटे-छोटे सांप के बच्चे इधर-उधर रेंगने लगे। उसने जल्दी ही नाँद को ढक दी। जल्दी में एक सांप की पूँछ नाँद के नीचे आकर कट गई। शाम को नाग के आने पर छोटी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली। नाग ने भी उसे क्षमा कर दिया जब छोटी ने ससुराल जाने की इच्छा की तो उसे धन-दौलत आदि देकर विदा किया। छोटी के ससुराल में अब उसकी बड़ी इज्जत होने लगी।जिस साँप की पूँछ कटी थी उसे सभी बण्डा कहकर तंग करते। एक दिन उसने अपनी माँ से पूछा कि मेरी पूँछ कैसे कटी है तो माँ ने कहा छोटी बहू के नाँद उठाने और जल्दी में रखने में ही तुम्हारी पूँछ कटी है तो वह बोला कि मैं छोटी से बदला लूँगा।
माँ के बहुत समझाने पर भी वह एक दिन चुपचाप छोटी के घर जा छुपा और मौका पाकर उसे काटने की सोचने लगा। वहाँ छोटी बहू और उसकी सास में किसी बात पर बहस हो रही थी तो छोटी कसम खा-खाकर कह रही थी कि मैंने ऐसा नहीं किया।
वह कह रही थी कि मुझे बण्डा भैया से प्यारा कोई नहीं है, उन्हीं की कसम खाकर कहती हूँ कि मैंने ऐसा नहीं किया। बण्डा ने जब सुना तो सोचने लगा जो मुझसे इतना प्यार करती है मैं उसे ही काटने आया हूँ।
वह चुपचाप घर चला गया तो माँ ने पूछा- ले आये बहन से बदला, वह कहने लगा-माँ बहन से कैसा बदला? तभी से बण्डा भाई व छोटी बहन हुए। भाई प्रतिवर्ष चौथ के दिन करवा लेकर जाता व बहन बड़े प्यार से करवा चौथ का व्रत करती।
Karva Chauth Ki Kahani – करवा चौथ व्रत की कथा (2)
अति प्राचीन काल की बात है एक बार पाण्डु पुत्र अर्जुन तप करने के लिए नीलगिरी पर्वत पर चले गए थे। इधर पाण्डवों पर अनेक मुसीबतें पहले से ही थीं। इससे द्रोपदी ने शोक विह्वल हो, कृष्ण की अराधना की। कृष्ण उपस्थित हुए और पूछा- ” कहो! क्या कष्ट है तुम्हें? “
प्रभु! द्रोपदी ने हाथ जोड़कर कहा- “मुझे क्या कष्ट है आप तो स्वयं जानते हैं। आप तो अन्तर्यामी है। मुझे कष्टों के बोझ से विह्वल कर दिया है। क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे इन कष्टों से छुटकारा मिल सके?”
“तुम्हारा प्रश्न अति उत्तम है द्रोपदी!” कृष्ण मुस्कराकर बोले।
“प्रभु! फिर मुझ दुःखी नारी का कष्ट दूर करने का उपाय बातड्ये?” द्रोपदी ने पूछा। यही प्रश्न एक बार पार्वती जी ने शिवजी से कर दिया था। तब श्री शिवजी ने करवा चौथ का विधान बताया था।”
फिर प्रभु करवा चौथ की जानकारी मुझे भी दीजिए, और उसकी कथा कहिए। तब कृष्ण ने एक पल सोचने के बाद कहा- “दुःख-सुख जो सांसारिक माना जाता है, प्राणी उसमें सदा ही लिप्त रहता है। मैं तुम्हें अति उत्तम करवा चौथ व्रत की कथा सुनाता हूँ,
इसे ध्यान से सुनो-
प्राचीन काल में गुणी, विद्वान, धर्मपरायण एक ब्राह्मण रहता था। उसके चार पुत्र तथा एक गुणवती सुशील पुत्री थी। पुत्री ने विवाहित होकर चतुर्थी का व्रत किया। किन्तु चन्द्रोदय से पूर्व ही उसे क्षुधा ने बाध्य कर दिया।
इससे उसके स्नेही भाईयों ने छल से पीपल की आड़ में कृत्रिम चन्द्रमा बनाकर दिखा दिया। लड़की ने अर्घ्य दे भोजन कर लिया। भोजन करते ही उसके पति की हृदयगति बन्द हो गयी। इससे दुःखी हो, उसने अन्न-जल त्याग दिया।
उसी रात्रि में इन्द्राणी भूविचरण करने आई। ब्राह्मण पुत्री ने उससे अपने दुःख का कारण पूछा इन्द्राणी ने बताया- “तुम्हें करवा चौथ व्रत में चन्द्र दर्शन से पूर्व भोजन कर लेने से यह कष्ट मिला है।” तब उस लड़की ने अंजलि बाँधकर विनय की कि इससे मुक्त होने का कोई उपाय बताईए।
इस पर इन्द्राणी ने कहा- “यदि तुम विधिपूर्वक अगली करवा चौथ का व्रत करो तो तुम्हारे पति पुनर्जीवित हो जायेंगे।” कन्या ने ऐसा करने का वचन दिया तो उसका पति स्वस्थ हो गया। इस पर उस कन्या ने वर्ष भर प्रत्येक चतुर्थी का व्रत किया और अनन्त अखण्ड सुहाग प्राप्त किया। श्रीकृष्ण ने कहा- “हे द्रोपदी, यदि तुम इस व्रत को करोगी तो तुम्हारे सभी संकट टल जायेंगे।” इस प्रकार द्रौपदी ने यह व्रत किया और पांडव सभी क्षेत्रों में विजयी हुए।
इसतरह सौभाग्य, पुत्र-पौत्रादि और धन-धान्य की इच्छुक स्वियों को यह व्रत विधिपूर्वक करना चाहिए। इस व्रत में भगवान शंकर की आरती की जाती है।
करवाचौथ माता की आरती
ॐ जय करवा मइया, माता करवा मइया । जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ॥
सब जग की हो माता, तुम ही हो रुद्राणी । यश तुम्हारा गावत, जग के सारे प्राणी ॥
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करतीं । दीघार्यु पति होवे, दुख सारे हरती ॥
होय सुहागिन नारी, सुख-सम्पत्ति पावें । ग्णपति बड़े दयालू, विघ्न सभी नाशें ॥
करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे। व्रत उनका हो पूरन, सब विधि सुख पावे ॥
करवा चौथ मेहंदी डिजाइन फोटो
क्या आप भी करवा चौथ के दिन अपने सुहाग ( पति ) के लिए कुछ खास यूनिक डिजाईन की मेहंदी अपने हाथों में लगवाना चाहती हैं ? तो यह पोस्ट आपके लिए है यहाँ पे मै बहुत ही अच्छी करवा चौथ मेहंदी डिजाइन लेकर आया हूँ जिसकी मदद से आप भी इस वर्ष की करवा चौथ को अलग ही अंदाज़ में खास बना सकते है।
यह करवा चौथ मेहंदी डिजाइन आपके पति देव को बहुत ही खुस्स करना वाला होगा इसमें आप बिच में अपने पति का नाम भी लिखवा सकते है जहा पर कलाई में करवा चौथ लिखा है।
ये वाला करवा चौथ मेहंदी डिजाइन बहुत ही यूनीक है दिखने में सिंपल और मन को भाने वाला डिजाईन। इस करवा चौथ मेहंदी डिजाइन को आप अपने घर पर खुद ही लगा सकते है।
ये वाला करवा चौथ मेहंदी डिजाइन हाँथ के बैक साइड पर बना हूत ही खूबसूरत लग रहा है आगे के डिज़ाइन में आप कुछ फूल बना कर हैप्पी करवाचौथ लिख सकते है। यह करवा चौथ मेहंदी डिजाइन गोर गोर हांथो में बहुत ही सूंदर लगने वाला है।
करवा चौथ मेहंदी डिजाइन ये वाला आप शादी में भी लगवा कर सकते है सच कहे तो यह शादी के लिए ही बना है लेकिन करवाचौथ के दिन महिलायें शादी से भी ज्यादा सजती सवांरती है।
मेहँदी लगवाना सबकी पसंद होती है लेकिन कुछ दिन ऐसा भी है की मेंहदी लगवा बेहत जरुरी है जैसे की करवा चौथ। करवा चौथ मेहंदी डिजाइन पसंद करने में बहुत कठिनाई होती है ऐसे में हम कुछ डिज़ाइन सुग्गेस्ट कर रहे है।
बहुत ही सुन्दर करवा चौथ मेहंदी डिजाइन है इसे आप एकबार जरूर लगवाएं बहुत ही सुन्दर सिंपल करवा चौथ मेहंदी डिजाइन है परन्तु पूरा हाथ मेहँदी से भरा है।
इस तरह का करवा चौथ मेहंदी डिजाइन बहुत सुन्दर लगता है इस वाले डिज़ाइन सबसे ज्यादा पसंद किया गया है। ये वाला करवा चौथ मेहंदी डिजाइन आपकी हथेली में चार चाँद लगा देगा।
Karwa Chauth से संबंधित कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: करवा चौथ क्या है ?
उत्तर: कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सुहागिन महिलाओं द्वारा अपनी पतियों की लंबी उम्र ,और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखतीं है। Karwa Chauth एक तरह का व्रत का पर्व है जिसे पत्नियां अपने पतियों के लिए रखती है।
प्रश्न: Karwa Chauth 2024 में कब है ?
उत्तर: 2024 में Karwa Chauth का व्रत 20 अक्टूबर, रविवार को है।
प्रश्न: Karwa Chauth 2023 में कब है ?
उत्तर: Karwa Chauth 2023 में 1 नवंबर 2023 दिन बुधवार को रखा जाएगा।
प्रश्न: Karwa Chauth 2022 में कब है ?
उत्तर: Karwa Chauth 2022 में हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (13 अक्टूबर 2022 ) दिन गुरुवार को है।
प्रश्न: Karwa Chauth 2024 समय मुहूर्त पूजा का समय ?
उत्तर: 2024 में करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को सुबह 6:46 बजे शुरू होगी और 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 बजे समाप्त होगी।
प्रश्न: Karwa Chauth क्यों मनाया जाता है ?
उत्तर: करवा चौथ का पर्व हिंदू समाज में पति-पत्नी के संबंधों को मजबूत करने और उनकी लंबी उम्र की कामना को प्रकट करने के लिए मनाया जाता है।
Hello, all is going fine here and ofcourse every one is sharing
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Thanks Jaya.
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